डेटा मॉडल क्या है? Data Model in Hindi

एक डेटा मॉडल (Data Model in Hindi), कॉन्सेप्ट्स (Concepts) का एक कॉलेक्शन (Collection) होता है जिसका प्रयोग किसी डेटाबेस के स्ट्रक्चर को वर्णित करने के लिए किया जा सकता है। किसी डेटाबेस के स्ट्रक्चर (Database Structure) का तात्पर्य यह है कि डेटाबेस में स्टोर (Store) किए जाने वाले डेटा के लिए डेटा टाइप्स, रिलेशनशिप्स एवं कॉन्सटेन्ट्स (Constraints) को उस डेटाबेस (Database) में परिभाषित करने से होता है।

पारिभाषिक शब्दों में हम कह सकते हैं कि एक डेटा मॉडल (Data Model) किसी डेटाबेस (Database) के आर्गेनाइजेशन (Organization) का विवरण (Description) होता है। ज्यादातर डेटा मॉडल्स (Data models) में डेटाबेस (Database) पर रिट्रीवल्स (Retrievals) एवं अपडेट्स (Updates) किए जाने के लिए बेसिक ऑपरेशन्स (Basic Operations) का एक सेट (Set) भी सम्मिलित होता है।

डेटा मॉडल (Data Model) द्वारा बेसिक ऑपरेशन्स (Basic Operations) उपलब्ध कराने के अतिरिक्त किसी डेटाबेस एप्लीकेशन (Database Application) के डायनामिक पहलू (Dynamic Aspect) अथवा बिहेवियर (Behaviour) को निर्दिष्ट करने के लिए डेटा मॉडल में सर्वसाधारण रूप से कॉन्सेप्ट्स (Concepts) को सम्मिलित किया जाता है। यह डेटाबेस डिज़ाइनर (Database Designer) को डेटाबेस (Database) पर निष्पादित किए जा सकने वाले वैलिड यूज़र डिफाइन्ड ऑपरेशन्स (Valid User- Defined Operations) के एक सेट (Set) को निर्दिष्ट करने की अनुमति प्रदान करता है। दूसरी ओर, बेसिक डेटा ऑपरेशन्स (Basic Data Operations) में इन्सर्ट (Insert), डिलीट (Delete), मॉडिफाई (Modify) अथवा रिट्रीव (Retrieve) को सम्मिलित किया जाता है। बिहेवियर (Behaviour) को निर्दिष्ट करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले कॉन्सेप्ट्स (Concepts), ऑब्जेक्ट ओरियेन्टेड डेटा मॉडल्स (Object Oriented Data Models) से सम्बन्धित है परन्तु इन्हें पारम्परिक डेटा मॉडल्स (Traditional Data Models) में सम्मिलित किया जा रहा है।

डेटा मॉडल्स का वर्गीकरण (Classification of Data Models in Hindi)

अब तक अनेक डेटा मॉडल्स (Data Models) प्रस्तावित किए गए हैं, जिन्हें इस आधार पर वर्गीकृत किया जा सकता है कि वे डेटाबेस (Database) के स्ट्रक्चर (Structure) को वर्णित करने के लिए किस-किस प्रकार के कॉन्सेप्ट्स (Concepts) का प्रयोग करते हैं। डेटाबेस मॉडल्स (Database Models) को तीन वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है-

  • ऑब्जेक्ट बेस्ड लॉजिकल मॉडल्स (Object Based Logical Models) 
  • फिजिकल डेटा मॉडल्स (Physical Data Models)
  • रिकॉर्ड बेस्ड लॉजिकल मॉडल्स (Record Based Logical Models)
डेटा मॉडल क्या है? Data Model in Hindi

ऑब्जेक्ट बेस्ड लॉजिकल मॉडल्स क्या है? (Object Based Logical Models in Hindi)

ऑब्जेक्ट बेस्ड लॉजिकल मॉडल (Object Based Logical Model), डेटा (Data) को कॉन्सेप्चुअल लेवल (Conceptual Level) और व्यू लेवल (View Level) पर वर्णित करता है। अतः ऐसे कॉन्सेप्ट्स (Concepts) उपलब्ध कराता है, जो इससे काफी मिलते-जुलते हैं कि यूजर्स (Users) डेटा (Data) को किस तरह से परसीव (Perceive) करते हैं अर्थात् देखते हैं।

ऑब्जेक्ट बेस्ड लॉजिकल मॉडल (Object Based Logical Model) स्पष्ट रूप से डेटा (Data) कॉन्सटेन्ट्स (Constraints) को उल्लेखित करने की अनुमति प्रदान करता है। इस मॉडल (Model) के अन्तर्गत ईआर-मॉडल (ER- Model), ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड मॉडल (Object Oriented Model), बायनरी मॉडल (Binary Model), सिमेन्टिक डेटा मॉडल (Semantic Data Model), इन्फो लॉजिकल मॉडल (Info Logical Model) और फंक्शनल डेटा मॉडल (Functional Data Model) आते हैं।

फिजिकल डेटा मॉडल्स क्या है? (Physical Data Models in Hindi)

फिजिकल डेटा मॉडल्स (Physical Data Models), ऐसे कॉन्सेप्ट्स (Concepts) उपलब्ध कराते हैं, जो यह वर्णन करते हैं कि डेटा (Data) कम्प्यूटर में कैसे स्टोर (Store) है। फिजिकल डेटा मॉडल्स (Physical Data Models) अथवा लो-लेवल डेटा मॉडल्स (Low-Level Data Models) द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले कॉन्सेप्ट्स (Concepts) साधारणतया कम्प्यूटर विशेषज्ञों के प्रयोग के लिए सार्थक होते हैं, एन्ड यूजर्स (End Users) के लिए नहीं।

फिजिकल डेटा मॉडल्स (Physical Data Models), इन्फॉर्मेशन (Information); जैसे- रिकॉर्ड फॉर्मेट्स (Record Formats), रिकॉर्ड ऑर्डरिंग (Record Ordering) एवं एक्सेस पाथुस (Access Paths), को रिप्रेजेन्ट (Represent) करके यह वर्णन करते हैं कि कम्प्यूटर में डेटा (Data) को फाइल्स (Files) के रूप में कैसे स्टोर (Store) किया जाता है। एक्सेस पाय (Access Path), एक स्ट्रक्चर (Structure) होता है, जो किसी विशेष डेटाबेस (Database) के रिकॉईस (Records ) की सचिंग (Searching) को सरल बनाता है।

रिकॉर्ड बेस्ड लॉजिकल मॉडल्स क्या है? (Record Based Logical Models in Hindi)

रिकॉर्ड बेस्ड लॉजिकल मॉडल्स (Record Based Logical Models) डेटा स्टोरेज (Data Storage) की डिटेल्स (Details) को हाइड (Hide) करते हैं; परन्तु इन्हें किसी कम्प्यूटर सिस्टम (Computer System) पर सीधे-सीधे इम्प्लीमेन्ट (Implement) अर्थात् क्रियान्वित किया जा सकता है। इनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले कॉन्सेप्ट्स (Concepts) को एन्ड यूजर्स (End Users) द्वारा समझा जा सकता है। 

रिकॉर्ड बेस्ड लॉजिकल मॉडल्स (Record Based Logical Models), ऐसे डेटा मॉडल्स (Data Models) हैं, जिनका सर्वाधिक प्रयोग पारम्परिक वाणिज्यिक डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम्स (Traditional Commercial DBMS) में होता है। इनके अन्तर्गत रिलेशनल डेटाबेस मॉडल (Relational Database Model), नेटवर्क मॉडल (Network Model) और हिरारकिकल मॉडल (Hierarchical Model) आते हैं।

रिकॉर्ड बेस्ड लॉजिकल मॉडल्स (Record Based Logical Models), रिकॉर्ड स्ट्रक्चर्स (Record Structures) का प्रयोग करके डेटा (Data) को रिप्रेजेन्ट (Represent) करते हैं, अतः इन्हें रिप्रेजेन्टेशनल या इम्प्लीमेन्टेशन डेटा मॉडल्स (Representational or Implementation Data Models) भी कहा जाता है।

डेटा मॉडल क्यों बनाएं? (Why Create a Data Model in Hindi)

बिजनेस इंटेलिजेंस (बीआई) समाधानों के निर्माण के लिए एक डेटा मॉडल महत्वपूर्ण है जो उपयोगकर्ताओं को डेटा-संचालित निर्णय लेने और नए व्यावसायिक अवसरों की पहचान करने के लिए सशक्त बनाता है। डेटा मॉडल एक सिस्टम और डेटाबेस के स्तंभ हैं; वे न केवल उपयोगकर्ता डेटा संग्रहीत करते हैं बल्कि यह सुनिश्चित करने में मदद करते हैं कि दृश्य रूपों में विभिन्न डेटा कैसे संबंधित हैं, यह परिभाषित करके यह डेटा सटीक और सुसंगत है। यह उपयोगकर्ताओं को आसानी से समझने की अनुमति देता है कि डेटा मॉडल ऑब्जेक्ट एक दूसरे से कैसे संबंधित हैं।

डेटा मॉडल के निर्माण के दौरान, डेटा संरचना और मानकों को परिभाषित किया जाता है। प्रत्येक वस्तु के लिए एक ही शब्द का उपयोग करने से पूरे Organization में डेटा मैपिंग और इसकी निरंतरता आसान हो जाती है। यह बेहतर संचार और समझ को सुविधाजनक बनाने, व्यापार और तकनीकी टीमों के बीच सहयोग में सुधार करता है।

एक डेटा मॉडल यह सुनिश्चित करता है कि अनुप्रयोग उच्च गुणवत्ता वाले हों और अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए कुशल हों, दुर्घटनाओं के risk को कम करते हैं और रखरखाव को आसान बनाते हैं। विकास के दौरान डेटा मॉडल का आंशिक परीक्षण करके, बग और समस्याओं का जल्दी पता लगाया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप लागत में कमी आती है और अंतिम उपयोगकर्ताओं के डाउनटाइम या आउटेज का अनुभव करने का risk कम होता है।

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