डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम क्या हैं? – Database Management System in Hindi

डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (Database Management System in Hindi) विभिन्न प्रोग्राम्स (Programmers) का एक संग्रह (Collection) होता है जो यूज़र्स (Users) को डेटाबेस (Database) क्रिएट (Create) एवं मेन्टेन (Maintain) करने की सुविधा प्रदान करता है; साथ ही डेटाबेस (Database) में संग्रहीत डेटा (Data) को रिट्रीव (Retrieve) करने की भी अनुमति प्रदान करता है।

डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम की क्षमताएं (Capabilities of DBMS)

डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) की निम्नलिखित क्षमताएं (Capabilities) होती हैं –

  • डेटाबेस (Database) को क्रिएट (Create) एवं डिलीट (Delete) करने की सुविधा उपलब्ध करना। 
  • डेटाबेस (Database) में डेटा (Data) को एड (Add), डिलीट (Delete) एवं मॉडिफाई (Modify) करने की सुविधा उपलब्ध करना।
  • डेटाबेस (Database) में संग्रहीत डेटा (Data) में से वांछित डेटा इन्फॉर्मेशन (Data/ Information) को एक्सट्रैक्ट (Extract) करने की सुविधा उपलब्ध करना। डेटाबेस (Database) में संग्रहीत डेटा (Data) में से वांछित डेटा (Data) को एक्सट्रैक्ट (Extract) करके रिपोर्ट्स (Reports) तैयार करने की सुविधा उपलब्ध करना।
  • डेटाबेस (Database) में संग्रहीत डेटा (Data) को चयनात्मक (Selective) या सामूहिक (Group) के आधार पर डेटा को एक्सेस (Access) करने की सुविधा उपलब्ध करना। डेटाबेस (Database) को एक से अधिक यूज़र्स (Users) एवं प्रोग्राम्स (Programmes) के मध्य शेयर (Share) एक साथ करने की सुविधा उपलब्ध करना।
  • एक से अधिक प्रोग्राम्स (Programmes) एवं यूज़र्स (Users) द्वारा किसी डेटाबेस (Database) को एक्सेस (Concurrent Access) करने की सुविधा उपलब्ध करना।

डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS), डेटाबेस पर किए जाने वाले किसी भी ऑपरेशन (Operation) के लिए यूजर (User) द्वारा दी गई कमाण्ड (Command) को स्वीकार (Accept) करके उसे इन्टरप्रेट (Interpret) और प्रोसेस (Process) करता है। वास्तव में डेटाबेस मेनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) यूजर्स (Users) द्वारा दी गई कमाण्ड्स (Commands) और फिजिकल डेटाबेस (Physical Database) के मध्य एक इन्टरफेस (Interface) का कार्य करता है, जिसे निम्नांकित Fig.-1.02 में दर्शाया गया है-

डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम क्या हैं? - Database Management System in Hindi

डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) एक जनरल परपज़ सॉफ्टवेयर सिस्टम (General Purpose Software System) होता है, जो डेटाबेसेज़ (Databases) को परिभाषित ( Define), डेटाबेसेज़ (Databases) का निर्माण (Construct), मैनिपुलेट (Manipulate) और उन्हें विभिन्न यूजर्स (users) एवं एप्लीकेशन्स (Applications) के बीच शेयर (Share) करने की प्रक्रियाओं (Processes) की सुविधा उपलब्ध करता है।

डेटाबेस को परिभाषित करने (Defining a Database) में डेटाबेस (Database) में स्टोर किए जाने वाले डेटा (Data) के लिए डेटा-टाइप्स (Data-Types), स्ट्रक्चर्स (Structures) और कॉन्स्ट्रेन्ट्स (Constraints) को निर्दिष्ट करने जैसे कार्य सन्निहित होते हैं। डेटाबेस का निर्माण (Constructing the Database) वह प्रक्रिया है, जिसमें डेटा (Data) को किसी स्टोरेज मीडिया (Storage Media) पर स्टोर (Store) किया जाता है और जिसे डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) द्वारा नियन्त्रित (Control) किया जाता है।

डेटाबेस को मैनिपुलेट करने (Manipulate a Database) के अन्तर्गत विशिष्ट डेटा (Data) को रिट्रीव (Retrieve) करने हेतु डेटाबेस (Database) को क्वेरी (Query) करना, डेटाबेस (Database) को अपडेट (Update) करना, डेटाबेस (Database) से डेटा (Data) को डिलीट (Delete) करना, डेटाबेस (Database) में नये डेटा (Data) को एड (Add) करना और डेटाबेस (Database) में स्टोर किए हुए डेटा (Stored Data) से रिपोर्ट्स (Reports) तैयार करना जैसे कार्य आते हैं। किसी डेटाबेस की शेयरिंग (Sharing a Database) एक से अधिक यूज़र्स (Users) एवं प्रोग्राम्स (Programmes) को उस डेटाबेस (Database) को एक साथ एक्सेस (Access) करने की अनुमति देती है। डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य है-प्रोटेक्शन (Protection) प्रोटेक्शन (Protection) के अन्तर्गत हार्डवेयर कैशेस (Hardware Crashes) एवं सॉफ्टवेयर मालफंक्शनिंग (Software Malfunctioning) के विरुद्ध सिस्टम प्रोटेक्शन (System Protection) और अनऑथराइज़्ड एक्सेस (Unauthorized Access) के विरुद्ध सिक्यूरिटी प्रोटेक्शन (Security Protection) आते हैं।

डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम के लाभ (Advantages of DBMS)

डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) के निम्नलिखित लाभ हैं- 

डेटा की प्रचुरता को कम करना (Reducing Data Redundancy)– डेटा की प्रचुरता (Data Redundancy) का कारण डेटाबेस (Database) में डेटा की डुप्लीकेसी (Data Duplicacy) होती है। डेटा (Data) को एकमात्र स्टोरेज लोकेशन (Storage Location) में डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) के नियंत्रण के अधीन स्टोर करने के कारण डेटा का डुप्लीकेशन (Data Duplication) नहीं होता है; अतः डेटा (Data) को स्टोर करने में अपेक्षाकृत कम स्टोरेज स्पेस (Storage Space) की आवश्यकता होती है। डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) द्वारा डेटाबेस (Database) में डेटा का डुप्लीकेशन (Data Duplication) नहीं होने देने के कारण डेटा की इन्कन्सिसटेन्सी ( Data Inconsistency) भी समाप्त हो जाती है।

डेटा की शेयरिंग (Data Sharing) – डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) किसी डेटाबेस (Database) में संग्रहीत डेटा (Data) को अपने नियंत्रण के अधीन ही यूज़र्स (Users) एवं एप्लीकेशन प्रोग्राम्स (Applications Programmes) के बीच शेयर (Share) करने की अनुमति देता है। किसी डेटाबेस (Database) को ऑथराइज्ड यूजर्स (Authorized Users) द्वारा डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर (DBA) द्वारा उन्हें एसाइन (Assign) किए परमिशन्स (Permissions) के अनुसार अपने बीच शेयर (Share) किया जा सकता है। एक मल्टीयूज़र डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (A Multi User DBMS) एक साथ और एक ही समय में एक से अधिक यूज़र्स (Users) एवं एप्लीकेशन्स (Applications) को किसी डेटाबेस (Database) को एक्सेस (Access) करने की अनुमति देता है। इसके लिए डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) में एक कनकरेंसी कंट्रोल सॉफ्टवेयर (Concurrency Control Software) अंतर्निर्मित होता है।

डेटा की इन्टिग्रिटी को सुनिश्चित करना (Ensuring Data Integrity) — डेटा की इन्टिग्रिटी (Data Integrity) का तात्पर्य किसी डेटाबेस (Database) में संग्रहीत डेटा की शुद्धता (Accuracy) एवं कन्सिसटेन्सी (Consistency) से होता है। इसे प्राप्त करने के लिए डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS), यूजर्स (Users) को यह सुविधा उपलब्ध कराता है कि वह किसी डेटाबेस (Database) में एन्टर (Enter) किए जाने वाले डेटा (Data) के लिए वैलिडेशन कंट्रोल्स (Validation Controls) स्थापित कर सके। विदित हो कि वैलिडेशन कंट्रोल्स (Validation Controls) को चेक्स (Checks) भी कहा जाता है, जो डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) द्वारा यूज़र (User) को डेटा (Data) को वैलिडेट (Validate) करने के लिए उपलब्ध कराया जाता है। 

इसके अतिरिक्त करीब-करीब सभी डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) द्वारा कुछ इन्टीग्रिटी रूल्स (Integrity Rules) उपलब्ध कराए जाते हैं जिनका उल्लंघन (Violation) किसी भी डेटाबेस (Database) द्वारा नहीं किया जा सकता है डेटा (Data) को एन्टर (Enter) करते समय वैलिडेट (Validate) करने के लिए कॉन्स्ट्रेन्ट्स (Constraints) को एक अथवा एक से अधिक फील्ड्स (Fields) अथवा रिकॉर्ड्स (Records) पर एप्लाई (Apply) किया जा सकता है। उदाहरणस्वरूप, Employee नामक डेटाबेस (Database) में किसी कर्मचारी की Basic Salary, 5000 से 20,000 के बीच ही एन्टर (Enter) की जानी चाहिए।

डेटा को सुरक्षित करना (Securing Data)-डेटा (Data) किसी भी संस्था के अमूल्य संसाधन होते हैं, जो संस्था के लिए अतिगोपनीय होते हैं। अतः डेटा (Data) को अनाधिकृत (Unauthorized) व्यक्तियों द्वारा एक्सेस (Access) करने से बचाने के लिए डेटाबेस मेनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS), डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर (DBA) को आवश्यक प्रोसीजर्स (Procedures) या ऑथराइजेशन मेथड (Authorization Method) एवं वैक्स (Checks) को कार्यान्वित (Implement) करने की अनुमति देता है।

विभिन्न प्रकार के डेटा (Data) एवं उन पर किए जाने वाले ऑपरेशन्स (Operations) को डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर (DBA) द्वारा सुरक्षा के विभिन्न स्तरों पर कार्यान्वित किया जाता है।

 डेटा इन्डिपेन्डेन्स (Data Independence) — डेटा इन्डिपेन्डेन्स (Data Independence) के दो पहलू होते हैं – फिजिकल (Physical) और लॉजिकल (Logical)

फिजिकल डेटा इन्डिपेन्डेन्स (Physical Data Independence) किसी डेटाबेस फाइल (Database File) के ऑर्गेनाइज़ेशन (Organization) के कन्सेप्युअल व्यू (Conceptual View) में बिना कोई परिवर्तन किए0ही डेटाबेस फाइल (Database File) में परिवर्तन करने की अनुमति देता है। अतः डेटाबेस फाइल स्ट्रक्चर (Database File Structure) में परिवर्तन करने के लिए एप्लीकेशन प्रोग्राम (Application Program) में परिवर्तन करने की आवश्यकता नहीं होती है। 

लॉजिकल डेटा इन्डिपेन्डेन्स (Logical Data Independence)  इस बात की पुष्टि करता है कि यदि किसी डेटाबेस के रिकॉर्ड्स (Records) में एक या एक से अधिक फील्ड्स (Fields) को जोड़ा (Add) जाता है, तो एप्लीकेशन प्रोग्राम (Application Program) में परिवर्तन करने की आवश्यकता नहीं होती है एवं साथ ही एप्लीकेशन प्रोग्राम (Application Program) के लिए डेटाबेस में अप्रयुक्त फील्ड्स (Unused Fields ) को डिलीट (Delete) करने पर एप्लीकेशन प्रोग्राम (Application Program) में परिवर्तन करने की आवश्यकता नहीं होती है।

डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम के दोष (Disadvantages of DBMS) डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) के प्रमुख दोष निम्नलिखित हैं—

1.बड़े साइज़ (Size) के एप्लीकेशन प्रोग्राम (Application Program ) एवं उससे सम्बन्धित डेटाबेस फाइल्स (Database Files) को स्टोर करने के लिए अधिक वर्कस्पेस (Workspace) एवं स्टोरेज स्पेस (Storage Space) की आवश्यकता होती है। वर्कस्पेस (Workspace) का तात्पर्य किसी एप्लीकेशन प्रोग्राम (Application Program) को एक्जिक्यूट (Execute) करने के लिए मेन मेमोरी (Main Memory) अर्थात् रैम (RAM) में उपलब्ध कराये जाने वाले आवश्यक स्पेस (Space) से होता है। 

2.डेटा की शेयरिंग (Sharing), इन्टिग्रिटी (Integrity) और सिक्यूरिटी (Security) को डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम (DBMS) में इम्प्लीमेन्ट (Implement ) अर्थात कार्यान्वित करने के कारण सिस्टम का परफॉरमेन्स (Performance), स्लो (Slow) हो सकता है।

3.डेटाबेस एन्वायरनमेन्ट (Database Environment) में बैकअप एवं रिकॉवरी ऑपरेशन्स (Backup and Recovery Operations) को इम्प्लीमेन्ट (Implement) अर्थात कार्यान्वित करना काफी जटिल (Complex) कार्य होता है।

मैं उम्मीद करता हूं कि आपको डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम क्या है उनके लाभ और क्षमताएं समझ में आ गया होगा। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट करके बताएं और यदि आपकी कोई सुझाव हो तो हमें ईमेल करें या जिससे हम आपके लिए और अच्छा कंटेंट प्रोवाइड करा सके।

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