Java Programming Fundamentals क्या है-Programming Fundamentals in Hindi

आज हम देख सकते है Internet व Mobiles का कितना विस्तार हो चुका है। आज Internet  इतना बढ़ चुका है कि दुनिया की जो भी जानकारी चाहिए. Internet पर उस जानकारी को प्राप्त किया जा सकता है। आज इस Internet की वजह से दुनिया बिल्कुल छोटी सी हो गई है। यहाँ पर हम जानेगा Java Programming Fundamentals क्या हैं और यह कैसे काम करता हैं? हम जब चाहे जिससे चाहें बात कर सकते हैं या Online Meeting कर सकते हैं दुनिया की लगभग सारी चीजें आज Internet से जुड़ी हुई है। Internet पर आज हम केवल Texts ही नहीं पूरे Multimedia को देखते है, जिसमें Sound, Video, Animation, Graphics आदि जो कुछ भी हो सकता है. सब है। लेकिन आज हम जिस तरह का Internet देख पा रहे हैं. कुछ समय पहले तक Internet ऐसा नहीं था Multimedia की विभिन्न चीजों को Internet पर सम्भव बनाने में Java का बहुत बड़ा सहयोग रहा है। वास्तव में Java का विकास केवल Internet के लिए किया गया था, लेकिन आज इसका प्रयोग केवल Internet के WebPages बनाने के लिए ही नहीं होता है, बल्कि आज से बड़े-बड़े Standalone Application Software व Distributed Application Develop करने की सबसे आसान व उपयोगी भाषा है। जितनी आसानी से हम Java का प्रयोग करके एक Distributed System Create कर सकते हैं उतनी आसानी से किसी भी अन्य भाषा का प्रयोग करके हम Internet के लिए बड़े Software Develop नहीं कर सकते हैं।

आपने भी लोगों को ये कहते सुना होगा कि Computer प्रोग्रामिंग काफी कठिन काम है। ये हर किसी के बस की बात नहीं है Computer Programmer बनने के लिए MCA, B-Level जैसे Degree Level Courses और हजारों रूपए के Hardware व Software की जरूरत होती है।

साथ ही वही Programmer बन सकता है जिसका दिमाग Computer की तरह काम करता हो यानी बहुत तेज हो जो घण्टो किसी समस्या का समाधान प्राप्त करने के लिए धैर्यपूर्वक बैठ सकता हो आदि-आदि।

एक अच्छा Programmer बनने के लिए ये सभी बातें जरूरी होती थीं लेकिन तब जब Programmer किसी Assembly लैंग्वेज या Cobol, Pascal आदि जैसी किसी लैंग्वेज मे प्रोग्रामिंग करना सीखता था Java के साथ इससे बिल्कुल उल्टा है।

Java में प्रोग्रामिंग सीखना जितना आसान है, उनता शायद ही किसी लैंग्वेज को सीखना हो। इसमें बस कुछ Basic Concepts ध्यान हो तो बहुत ही आसानी से कोई भी आवश्यकतानुसार Program बना सकता है और उसे Use कर सकता है। साथ ही वह अपने Application को Internet पर भी उतनी ही आसानी से चला सकता है जितना अपने स्वयं के Computer पर हम प्रोग्रामिंग को इतना Hard इसलिए मानते हैं क्योंकि ऐसा हमें अन्य Programmers ने कहा है ये Programmers की Monopoly है ताकि उन्हें अच्छी Payment प्राप्त हो सके। यदि

सभी लोग ऐसा कहने लगे, कि प्रोग्रामिंग बहुत ही सरल काम है तो क्या Programmers को किसी Program के लिए उतने पैसे मिलेंगे जितने आज मिल रहे हैं।

शायद नहीं, इसीलिए सभी Programmers कहते हैं कि प्रोग्रामिंग सबसे कठिन काम है। हमारे देश में लोग Computer प्रोग्रामिंग को इसलिए कठिन समझते हैं क्योंकि उन्हें उनकी भाषा में लिखे हुए Matter प्राप्त नहीं होते। दूसरी बात ये कि Computer को ठीक से तभी समझा जा सकता है. जब English पर अच्छी पकड़ हो लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है Computer Programmer बनने के लिए अच्छी English उतनी जरूरी नहीं है जितनी तथ्यों को समझने व समझाने की योग्यता की जरूरत है।

प्रोग्रामिंग सीखने के लिए सबसे पहली चीज ये तय करनी होती है कि आखिर किस लैंग्वेज से प्रोग्रामिंग की शुरूआत की जाए। हालांकि सभी लैंग्वेज में लगभग कुछ तथ्य समान ही होते है। जैसे Data Types Operators, Conditional and Looping Statements आदि लगभग सभी लैंग्वेज में थोड़े बहुत अन्तर के अलावा समान ही होते हैं और उन्हें Use करने का तरीका कभी काफी हद तक सभी लैंग्वेज में समान होता है।

यदि आपने “C” लैंग्वेज में या “C++ लैंग्वेज में थोड़ी बहुत प्रोग्रामिंग की है और प्रोग्रामिंग के Basic Concepts आपको Clear है, तो Java आपके लिए आगे बढ़ाने वाली सबसे अच्छी भाषा हो सकती है। हालांकि हर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की अपनी कुछ अलग विशेषता होती है जिसके आधार पर अलग-अलग Requirement के आधार पर अलग-अलग भाषा अधिक उपयोगी होती है। कुछ काम ऐसे भी होते हैं जो किसी लैंग्वेज में आसानी से Perform होते है और कुछ लैंग्वेज में किसी भी तरह से उन कामों को नहीं किया जा सकता है।

उदाहरण के लिए यदि Fastly कोई GUI Application Software Develop करना हो, तो Microsoft Company का Visual Basic सबसे सरल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। इसमें आज हजारों Software बन चुके हैं जिनका प्रयोग Personnel Use व Business Use दोनों स्थानों पर बहुत होता है लेकिन Visual Basic Programs की कमी ये है कि इनकी Speed किसी अन्य लैंग्वेज जैसे कि Borland C++ या Visual C++ में लिखे गए Programs की तुलना में कम होती है। इस Speed की कमी को तब महसूस किया जा सकता है, जब Program में बहुत सारे Graphics का प्रयोग किया गया हो।

जैसे कि यदि Visual Basic में Screen Saver या कोई Game Develop किया जाए तो इनकी Speed काफी कम होती है। इसलिए जो Professional Programmers होते हैं ये कभी भी Graphics प्रोग्रामिंग के लिए Visual Basic का प्रयोग नहीं करते हैं।

हालांकि Java को Visual Basic की तुलना में सीखना काफी कठिन है, लेकिन फिर भी Java को सीखना कई मायनों में काफी उपयोगी साबित होता है Java की सबसे बड़ी विशेषता तो यही है. कि इसमें Develop किए गए Programs को हम World Wide Web पर Use कर सकते हैं। यदि आपने Internet Surfing की है तो आपने विभिन्न Websites पर कई Animations Sounds आदि देख व सुने होंगे। ये सभी काम Java में काफी आसानी से किए जा सकते हैं। यानी यदि आप कोई ऐसा Program बनाना चाहते हैं, जिसको Internet पर भी चलाया जा सकता है, जैसे कि Online Games, तो आपको Java की जरूरत होगी।

Java की दूसरी विशेषता ये है कि Java का Program एक विशेष तरीके से लिखा जाता है जिसमें हमें Java के सभी नियमों का पूरी तरह से पालन करना पड़ता है। यदि हम Java के किसी छोटे से नियम को भी Neglect करते हैं, तो एक छोटे से “Hello World” Program को Create करके Compile करने में भी हमें काफी परेशानियों व Errors का सामना करना पड सकता है।

Java को ऐसा इसलिए बनाया गया है ताकि जितनी भी Errors व परेशानियां आनी है. वे Program के Creation के समय ही आ जाए ताकि जब Program पूरी तरह से तैयार हो जाए, तब किसी प्रकार की परेशानी ना आए और Program Reliable उपयोगी व Error Free हो और वास्तव में जावा के Programs अन्य लैंग्वेज की तुलना में काफी ज्यादा Reliable होते हैं।

कई अन्य लैंग्वेज जैसे कि Visual Basic आदि में Program शुरू से अन्त तक कोई Error नहीं देता लेकिन किसी ना किसी जगह पर ऐसी Error Generate करता है, जिसका Solution करने में हमें उतना समय लग जाता है जितना उस Program को Create करने में नहीं लगता।

Java का विकास Sun Microsystems के एक Developer James Gosling ने किया था। उन्हें इसका विकास करने की जरूरत इसलिए पदी क्योंकि वे “C++ लैंग्वेज का प्रयोग करके एक Project बना रहे थे लेकिन उन्हें वह परिणाम प्राप्त नहीं हो पा रहा था जो ये चाहते थे। इसलिए उन्होंने स्वयं एक लैंग्वेज Develop की जिससे उनकी Requirement पूरी हो सके। इसी लैंग्वेज का नाम “Java” है।

Java को सीखना किसी भी अन्य लैंग्वेज को सीखने की तुलना में अधिक सरल है। ज्यादातर लैंग्वेज एक दूसरे के लगभग समान ही है। इसलिए यदि एक लैंग्वेज में Mastery कर मूली जाए तो बाकी की अन्य लैंग्वेज में किसी Programmer को ज्यादा परेशानी नहीं आती है।

वह आसानी से किसी भी लैंग्वेज में पकड़ बना लेता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि उसे कम से कम एक लैंग्वेज में काफी जानकारी हो। जो लोग पहले “C” या “C++” या दोनों सीख चुके हैं उन्हें Java को सीखने में कोई परेशानी नहीं आती है बल्कि वे उन लोगों की तुलना में ज्यादा जल्दी से Java को सीख लेते हैं और Java पर पकड़ बना लेते हैं, जिन्होंने “C” या “C++ नहीं सीखी है। अगर हम ऐसा कहे कि Java “C” य “C++” का मिलाजुला रूप है और Java में से उन चीजों को हटा दिया गया है, जिनको “C” व “C++” लैंग्वेज में सीखने में परेशानी आती थी, तो गलत नहीं होगा।

लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि Java को सीखने से पहले “C” व “C++” को सीखना जरूरी है। हालांकि यदि पहले “C” व “C++ ” सीखा जाए तो Java को समझना व सीखना सरल होता है लेकिन फिर भी हम Java से प्रोग्रामिंग सीखना शुरू कर सकते हैं। ये अपने आप में ही एक पूर्ण लैंग्वेज है। Java सीखने के बाद भी किसी भी अन्य लैंग्वेज को उतनी ही आसानी से सीखा जा सकता है जितनी आसानी से किसी और लैंग्वेज को सीखने के बाद Java को सीखा जाता है।

High Level प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के विकास की यदि बात करें तो UNIX Operating System के लिए एक भाषा का विकास किया गया था, जिसका नाम “C” लैंग्वेज दिया गया।

इस भाषा का विकास मुख्य रूप से Operating System UNIX को Develop करने के लिए किया गया था। UNIX Operating System Develop हो जाने के बाद UNIX Operating System के लिए Applications Software को Develop किया जाने लगा।

चूंकि “B” लैंग्वेज का विकास एक System Software को Develop करने के लिए किया गया था. इसलिए विभिन्न Programmers को इस लैंग्वेज में UNIX के लिए Application Software लिखने में परेशानी आती थी इसलिए इस “B” लैंग्वेज को और सरल बनाया गया। ताकि Programmers इस लैंग्वेज में Application Programs Develop कर सके। इस Developed लैंग्वेज को “C” लैंग्वेज नाम दिया गया।

C लैंग्वेज शुरुआत में काफी उपयोगी साबित हुई लेकिन जिस तरह से हर चीज में विकास होता है, उसी तरह से Computer Technology में भी विकास हुआ। धीरे-धीरे Application Software इतने बड़े व जटिल होने लगे, कि “C” लैंग्वेज में Develop किए गए Programs को Manage य Maintain करना काफी कठिन हो गया। साथ ही जैसे-जैसे समय बीतता गया, Software की जटिलता भी बढ़ती गई।

इसलिए एक बार फिर Programmers को ये महसूस होने लगा कि उन्हें कुछ और अधिक सरल तरीके की जरूरत है, जिससे वे बडे व जटिल Programs को Handle कर सकें। ये नया तरीका भी • जरूरत के अनुसार Develop किया गया और इस तरीके को Object Oriented Concept कहा गया। इस Object Oriented Concept को ध्यान में रख कर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज “C” में | फिर विकास किया गया और इस विकास का परिणाम “C++ प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के रूप में प्राप्त हुआ।

हालांकि आज Java का जिस उद्देश्य के लिए ज्यादातर प्रयोग किया जा रहा है और जावा जिस प्रकार की प्रोग्रामिंग के लिए जानी जाती है, वास्तव में Java का विकास इसके लिए नहीं किया गया था। जाया का विकास General Electronic Equipments को अधिक समझदार बनाने के लिए किया जा रहा था, ताकि विभिन्न प्रकार के Equipments को Artificial Intelligence प्रदान की जा सके। हालांकि ऐसा तो नहीं हो सका, लेकिन जावा एक Dynamic Internet प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के रूप में काम आने लगी।

Java का विकास करने वाले लोग जिस Project पर काम कर रहे थे, वे उसमें C++ लैंग्वेज का प्रयोग कर रहे थे, जो कि “C” लैंग्वेज का ही विकसित रूप है लेकिन वे जो करना चाहते थे वसा “C++ के प्रयोग से नहीं कर पा रहे थे। इसलिए उन्होंने एक नई लैंग्वेज Develop की। इस लैंग्वेज को उन्होंने “C” व “C++ के आधार पर ही Develop किया है। ये Java को एक बहुत ही सरल लैंग्वेज बनाना चाहते थे इसलिए उन्होंने “C” व “C++” की सभी आसान Concepts को ज्यों का त्यों उपयोग में लिया और जटिल Concepts को छोड़ दिया।

उन्होंने Java लैंग्वेज के प्रोग्रामिंग Syntax को भी लगभग वैसे ही उपयोग में लिया जिस तरह से “C” व “C++ में लिया जाता है। साथ ही उन्होंने कई अन्य लैंग्वेज के Concepts का भी प्रयोग जावा में किया ताकि इसमें किसी भी प्रकार का Software आसानी से बनाया जा सके और Software पूरी तरह से विश्वसनीय बने।

इस तरह से Java केवल “C” व “C++” का Modified Version ही नहीं है, बल्कि कई अन्य लैंग्वेज के Concepts पर आधारित एक पूर्ण प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। हालांकि इसके ज्यादातर Syntax व Coding Procedures “C” व “C++ लैंग्वेज के अनुसार हैं, इसलिए इसे “C++” लैंग्वेज का Modified Version भी कहा जा सकता है।

जैसे-जैसे जरूरत बढती जाती है और जरूरत का स्वरूप बदलता जाता है, वैसे-वैसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को भी Develop करना जरूरी हो जाता है, ताकि वर्तमान की विभिन्न जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसी तथ्य पर अब जावा से आगे की लैंग्वेज को Microsoft Company ने Develop किया है। इस लैंग्वेज का नाम “C#” (CSharp) है। इस लैंग्वेज में “C”, “C++” व Java तीनों लैंग्वेज की विभिन्न विशेषताओं को Include किया गया है। Microsoft इस लैंग्वेज में Software Development के लिए पूरा IDE प्रदान करता है, जिसमें आज की जरूरत के अनुसार विभिन्न कामों को किया जा सकता है।

लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि Java अब पुरानी हो चुकी है। आज भी Java का Market में अपना एक अलग व महत्वपूर्ण स्थान है और Java को सीखे व समझे बिना, अगली Generation की लैंग्वेज को समझना काफी मुश्किल है।

हालांकि जावा का विकास जिस काम के लिए किया जा रहा था, उस काम के लिए जावा उपयोगी नहीं बन पाया। लेकिन जब जावा के Developers ने देखा कि इस लैंग्वेज का प्रयोग Internet की Interactive प्रोग्रामिंग में काफी उपयोगी साबित हो सकता है, तब उन्होंने इस लैंग्वेज को Internet के लिए Develop करना शुरू किया। वे जिस Platform Independent Equipment Technology पर काम कर रहे थे, वह तकनीक Internet के लिए उपयोगी साबित हो गई।

जावा सम्बंधित प्रश्न और उत्तर

जावा क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है?

जावा एक उच्च स्तरीय, संगठित, शैली वाली, ओब्जेक्ट-ओरिएंटेड, प्रोग्रामिंग भाषा है। यह विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

जावा में डेटा टाइप्स कितने होते हैं?

जावा में प्राइमरी डेटा टाइप्स, जैसे कि इंटीजर, फ़्लोट, डबल, बूलियन आदि होते हैं। साथ ही एक्स्ट्रेक्टर डेटा टाइप्स, जैसे कि स्ट्रिंग, आइपीएच आदि भी होते हैं।

जावा में क्लास क्या होते हैं?

जावा में क्लास एक टेम्प्लेट होता है जो ऑब्जेक्ट के निर्माण के लिए उपयोग किया जाता है। एक क्लास एक डेटा टाइप के रूप में काम करता है जो ऑब्जेक्ट को संरचित रूप से जोड़ने में मदद करता है।

जावा में एरर और एक्सेप्शन क्या होते हैं?

एरर एक ऐसी स्थिति होती है जब एक विधि या प्रोग्राम विफल होता है, जबकि एक्सेप्शन एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें एक विधि या प्रोग्राम अप्रत्याशित त्रुटि का सामना करता है।

जावा में इंटरफेस क्या होते हैं?

इंटरफेस एक ब्लूप्रिंट होती है जो इस्तेमाल होती है ऑब्जेक्ट और उनके मेथडों के लिए। एक इंटरफेस क्लास की तुलना में ज्यादा से ज्यादा मेथड शामिल करने में मदद करती है जिससे कि क्लास जो इस्तेमाल होती है उन मेथडों को अधिक सरलता से उपयोग कर सकती हैं।

जावा में थ्रेड क्या होते हैं?

थ्रेड एक प्रकार का प्रोसेस होता है जो एक समय में एकाधिक कार्य निष्पाद कर सकता है। जब एक प्रोग्राम अधिक कार्यों को निष्पादित करता है, तो एक या एक से अधिक थ्रेड बनाए जाते हैं जो एक साथ काम करते हैं।

जावा में एक्सेस मॉडिफायर्स क्या होते हैं?

एक्सेस मॉडिफायर्स जावा क्लास, मेथड और वेरिएबल्स के लिए उपयोग किए जाते हैं जो उन्हें कौन से वर्ग, मेथड या वेरिएबल से एक्सेस किया जा सकता है या नहीं बताते हैं। जावा में चार प्रकार के एक्सेस मॉडिफायर्स होते हैं – पब्लिक, प्राइवेट, प्रोटेक्टेड और डिफॉल्ट।

जावा में स्ट्रिंग क्या होते हैं?

स्ट्रिंग जावा में एक बिल्ट-इन क्लास होती है जो एक स्ट्रिंग को रिप्रेजेंट करती है। स्ट्रिंग एक सीरीज होती है जो वर्णों या वर्णमालाओं का समूह होता है जो एक बड़े और संपूर्ण वर्णक्रम में पढ़ा जा सकता है।

जावा में ऑब्जेक्ट क्या होते हैं?

जावा में, ऑब्जेक्ट एक इंस्टेंस होती है जो क्लास का एक विशेष आकार होता है। एक ऑब्जेक्ट में डेटा और मेथड होते हैं जो क्लास की परिभाषा द्वारा प्रदत्त होते हैं। जब किसी ऑब्जेक्ट को बनाया जाता है, तो उसके लिए एक नई इंस्टेंस की जगह बनाई जाती है जो मेमोरी में होती है। ऑब्जेक्ट बनाने के लिए, उस क्लास की एक इंस्टेंस बनानी होती है जिससे उस ऑब्जेक्ट की जानकारी होती है।

जावा में इंटरफेस क्या होते हैं?

जावा में, इंटरफेस एक कंट्रैक्ट होता है जो एक या अधिक मेथड के संदर्भ में शामिल होता है जिन्हें क्लास ने इंप्लीमेंट करना होता है। इंटरफेस क्लास की एक विशेषता है जो उसे अन्य क्लासों को कोड रीफैक्टरिंग करने में मदद करती है।

जावा में अब्स्ट्रैक्शन क्या होती है?

जावा में अब्स्ट्रैक्शन एक विशेषता होती है जो किसी क्लास या मेथड को अनुमति देती है कि वह केवल उन विशेषताओं के लिए परिभाषित हो जो उसकी निर्दिष्ट की गई कम से कम वर्तमान में हों। जब किसी क्लास या मेथड को अब्स्ट्रैक्ट किया जाता है, तो उसे एक निर्द दिशा देते हुए बचा जाता है, और उसके सभी उपयोगकर्ता को उसे विरासत में मिलता है ताकि वे उसे अपने अनुभव के अनुसार अनुकूलित कर सकें। अब्स्ट्रैक्ट क्लास और अब्स्ट्रैक्ट मेथड दोनों को इस्तेमाल करके डाटा ओब्जेक्ट के निर्माण में भी मदद मिलती है।

जावा में अधिकतम अवधि क्या होती है?

जावा में अधिकतम अवधि, जो कि भाषा में “Maximum Duration” के रूप में जानी जाती है, एक टाइमआउट के रूप में जानी जाती है जो किसी ऑपरेशन के लिए समय सीमा निर्धारित करती है। इसे इंटरनल ऑपरेशन या नेटवर्क इंटरैक्शन जैसे घटनाओं को पूरा करने के लिए सेट किया जाता है।

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