प्रोग्रामिंग क्या है? What is programming in hindi

पारिभाषिक शब्दों में व्यक्त किया जाए तो किसी कार्य विशेष को कम्प्यूटर द्वारा कराने अथवा करने के लिए कम्प्यूटर को समझ में आने वाली भाषा में निश्चित क्रम में दिए गए निर्देशों के समूह को प्रोग्राम कहा जाता है। किसी भी प्रोग्राम को अपने उद्देश्य को पूर्ण करने वाला, विश्वसनीय, सक्षम तथा प्रयोग करने में सुगम होना आवश्यक है। हम जानेंगे की प्रोग्रामिंग क्या है (What is programming in Hindi) कम्प्यूटर द्वारा किसी कार्य विशेष को कराने अथवा करने के लिए क्रमबद्ध निर्देशों के समूह को कम्प्यूटर को समझ में आने वाली भाषा में प्रस्तुत करने की प्रक्रिया को प्रोग्रामिंग कहा जाता है।

कम्प्यूटर सिस्टम डेवेलपमेन्ट (system development) चक्र का एक महत्त्वपूर्ण चरण प्रोग्रामिंग है और यह तब प्रारम्भ होता है जब किसी प्रोग्राम को तैयार कर लिया जाता है एवं उसके समस्त निर्दिष्टीकरण (specifications) पूर्ण हो चुके हों। प्रोग्राम में वांछित परिणाम को प्राप्त करने की प्रक्रिया एवं निर्देश पूर्णरूप से सत्य एवं दोषमुक्त होने आवश्यक है। यदि कम्प्यूटर को प्रदान की गई किसी इनपुट (input) से परिणाम सत्य एवं विषयानुकूल नहीं प्राप्त होता है, तो प्रोग्राम पर कार्य करने वाले उपयोक्ता को यह निश्चय ही जान लेना चाहिए कि उससे आँकड़ों की प्रविष्टि करने में ही कोई गलती हुई है, क्योंकि सही प्रविष्टि से अवश्य ही सत्य एवं विषयानुकूल परिणाम प्राप्त होता है।प्रयोगकर्त्ता द्वारा प्रोग्राम पर कार्य करते समय होने वाली त्रुटि से सम्बन्धित स्पष्ट त्रुटि सन्देश (error message) भो मॉनीटर स्क्रीन पर प्राप्त होने चाहिए, ताकि वह उस त्रुटि को ठीक करके अपना कार्य सुचारु रूप से कर सके। 

ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग (object oriented programming in hindi)

ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए हम अपने आम जीवन में भी पहले अपना ध्यान समस्या से सम्बन्धित विभिन्न वस्तुओं पर केन्द्रित करते हैं तथा वस्तुओं की विशेषताओं और कमियों से ही उसके प्रयोग की विधियों की खोज करते हैं। इसे इस प्रकार समझें, कि यदि हमें किसी मशीन के किसी दोष को दूर करना है, तो सर्वप्रथम उस मशीन तथा उसकी कार्यविधि आदि के बारे में गहन विचार करना होगा, इस मशीन के विभिन्न भागों के कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी होगी। अब इस मशीन को ठीक करने के लिए उपरोक्त विचार के अनुरूप विधि एवं सामग्री का चुनाव करते हैं। इस विधि से किया गया कार्य समस्या का सटीक निदान होता है।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि सारा संसार वस्तु केन्द्रित (object oriented) ही है। कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग में प्रोग्रामिंग की आधुनिक शैली वस्तु केन्द्रित अर्थात् ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग (object oriented programming) भी इसी तथ्य के अनुरूप है। कम्प्यूटर की आधुनिक प्रोग्रामिंग भाषाओं में इसी प्रोग्रामिंग शैली का प्रयोग होता है; जैसे—C++ एवं जावा आदि। 

परम्परागत प्रोग्रामिंग तथा ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग की तुलना Comparision of Traditional Programming and Object Oriented Programming परम्परागत प्रोग्रामिंग शैली में वैरिएबल्स (variables) का प्रयोग फंक्शन्स (functions) के अन्दर किया जाता है। इन्हीं वैरिएबल्स के आधार पर प्रोग्रामिंग में विभिन्न प्रकार के कार्य; जैसे- गणनाएँ, डेटा प्रिन्ट करना, डेटा संचित (store) आदि किये जाते हैं। परम्परागत शैली की प्रोग्रामिंग करने से इन वैरिएबल्स (variables) को बदलने के लिए एक से अधिक फंक्शन का प्रयोग भी करना पड़ सकता है। इससे वैरिएबल्स पर नियंत्रण रखना आवश्यक होता है अर्थात् यह ध्यान रखना होता है कि गलती से अथवा अनजाने में ही यह वैरिएबल किसी अन्य फंक्शन से प्रभावित न होने पाए।

यदि यह वैरिएबल किसी भी अन्य फंक्शन अथवा प्रोग्राम में गलती से प्रभावित होंगे, तो प्रोग्राम गणनाएँ गलत करने लगेगा और परिणाम त्रुटिपूर्ण अथवा भ्रामक प्राप्त होगा। यदि कोई छोटा प्रोग्राम बनाया जा रहा है, तो इन वैरिएबल्स को सरलता से नियन्त्रित किया जा सकता है, परन्तु जैसे-जैसे प्रोग्राम बड़ा होता जाता है, इन वैरिएबल्स को नियन्त्रित करना कठिन होता जाता है और प्रोग्राम में गलतियाँ होने की सम्भावनाएँ भी बढ़ जाती हैं। प्रोग्रामिंग में आने वाली इन कठिनाइयों को दूर करने के लिए ही ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग (object oriented programming) की शुरूआत की गई है। ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग में वैरिएबल्स को एक वर्ग अर्थात् क्लास (class) में सम्बद्ध कर दिया जाता है, जिससे प्रोग्राम के किसी अन्य भाग द्वारा इस क्लास के डेटा प्रभावित नहीं होते हैं। इस सुविधा से प्रोग्राम को नियन्त्रण करना सरल हो जाता है। इस कार्य को ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग (object oriented programming) में सम्पुटीकरण (encapsulation) कहा जाता है। सम्पुटीकरण (encapsulation) का शाब्दिक अर्थ एक के भीतर दूसरा रखने की क्रिया है।

प्रोग्रामिंग करने की परम्परागत शैली में यदि कोई सॉफ्टवेयर बनाना होता है, तो शुरुआत नये सिरे से करनी पड़ती है। प्रोग्रामिंग की परम्परागत शैली में पहले से बने किसी प्रोग्राम को प्रयोग में नहीं ला सकते, परन्तु प्रोग्रामिंग की ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड शैली में ऐसा नहीं है, प्रोग्रामिंग की ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड शैली में पहले से बने किसी प्रोग्राम अथवा क्लास के आधार पर नये प्रोग्राम बनाए जा सकते हैं। ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग की इस विशेषता को उत्तराधिकार (inheritance) कहा जाता है।

प्रोग्रामिंग की इस विशेष शैली का प्रयोग करते हुए हम पहले से बने किसी प्रोग्राम अथवा क्लास (class) का प्रयोग करके एक नया और समृद्ध सॉफ्टवेयर अत्यन्त अल्प समय में विकसित कर सकते हैं। प्रोग्रामिंग की ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड शैली में वस्तु अर्थात् ऑब्जेक्ट (object) तथा वर्ग अर्थात् क्लास (class) का महत्त्वपूर्ण स्थान है।

Object क्या है? (What is Object in hindi)

ऑब्जेक्ट Object यह समस्त संसार वस्तुमय है। जिसे पहचाना जा सके, जिसका अपना एक आकार है, संरचना होती है, व्यवहार होता है, वस्तु कहलाती है; जैसे—कप-प्लेट, ट्रे आदि। प्रत्येक वस्तु के होने का एक निश्चित कारण होता है तथा उसका अपना एक व्यवहार होता है। व्यक्ति को भी वस्तु की श्रेणी में रखा जा सकता है, क्योंकि उसकी अपनी अलग पहचान एवं व्यवहार है। व्यक्ति एक-दूसरे से सम्पर्क रखते हैं। सम्पर्क के अभाव में प्रत्येक वस्तु को एक सार्वजनिक लक्ष्य के लिए निर्देश देना काफी असम्भव होता है। ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग शैली का भी यही मुख्य आधार है। विभिन्न वस्तुओं को एकत्र करके प्रयोग का एक नमूना तैयार किया जाता है, जो कि सार्वजनिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपस में विभिन्न सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। ऑब्जेक्ट किसी क्लास का एक उदाहरण होता है। ऑब्जेक्ट के माध्यम से क्लास के आचरण एवं व्यवहार के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है। ऑब्जेक्ट एवं पब्लिक फंक्शन्स की सहायता से हो क्लास में घोषित किए गए वैरिएबल्स के मान में परिवर्तन किया जाता है। 

क्लास एवं ऑब्जेक्ट को परिभाषित कीजिए (Define class and object in hindi)

क्लास Class ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग क्लास पर आधारित होती है। इसमें विभिन्न प्रकार के क्लासेज बनायी जाती है तथा प्रत्येक क्लास की अपनी कुछ निश्चित विशेषतायें होती हैं। हम जानते हैं कि प्रोग्रामिंग को ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड शैलो विभिन्न ऑब्जेक्ट्स का समूह है, जोकि मिलकर एक निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करते हैं। एक ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्राम इन ऑब्जेक्ट्स का वर्णन, संरचना एवं व्यवहार है। किसी ऑब्जेक्ट को संरचना को इसके मेम्बर्स (members) द्वारा तथा व्यवहार को इसके मेम्बर फंक्शन्स (member functions) द्वारा वर्णित किया जाता है। संरचना और व्यवहार से क्लास (class) उत्पन्न होती है।

इस प्रकार हम कह सकते हैं, कि किसी एप्लीकेशन (application) में परिचय कराकर उनको क्लासेज में प्रयोग करके एक नमूना बनाना हो ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग है। कम्प्यूटर प्रोग्रामर क्लास (class) के रूप में विभिन्न आचरण एवं तरीकों को परिभाषित करता है।

कम्पाइलर एवं कम्प्यूटर को दिनांक के बारे में कोई ज्ञान नहीं होता है, अतः प्रोग्रामर द्वारा डेटा को इस प्रकार से

परिभाषित करना चाहिए, जो दिनांक को प्रदर्शित कर सके। इसके लिए उसके दिनांक के आचरण को date नामक क्लास द्वारा परिभाषित करना होगा। यह क्लास दिनांक के सिन्टैक्स (syntax) तथा उस पर किये जाने वाले सम्भावितपरिचालन को प्रदर्शित करेगा। जिस प्रकार किसी अन्य वैरिएबल को डेटा के प्रकार से घोषित किया जाता है, उसी प्रकार date क्लास के ऑब्जेक्ट्स को भी परिभाषित किया जायेगा। क्लास, यह स्पष्ट करती है कि क्लास के ऑब्जेक्ट्स में

किस प्रकार के डेटा एवं फंक्शन्स का समावेश है। यह भी कहा जा सकता है कि क्लास एक प्रकार से ब्लू प्रिन्ट (blue print) अथवा नक्शे (map) की भाँति कार्य करती है। क्लास विभिन्न फंक्शन्स एवं वैरिएबल्स का एक समूह है। किसी भी ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्राम में कम-से-कम एक क्लास का घोषित किया जाना आवश्यक होता है।

ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग की विशेषताएँ (Features of Object Oriented Programming in hindi)

ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग भाषा की  निम्नांकित विशेषताएँ होती हैं।

1. आंकड़ों का संक्षिप्तिकरण (Data abstraction), 

2. आंकड़ा सम्पुटीकरण (Data encapsulation),

3. बहुरूपण (Polymorphism),

4. उत्तराधिकार (Inheritance),

5. सन्देश प्रवहन (Message Passing)।

ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग (Object-oriented programming) के मुख्य सिद्धान्तों अथवा OOPS के सिद्धान्त की व्याख्या (OOps in hindi)

ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग के तीन मुख्य सिद्धान्त निम्न हैं

1. आँकड़ों का संक्षिप्तिकरण Data Abstraction आँकड़ों के संक्षिप्तिकरण का तात्पर्य जटिलता का सरलीकरण है। इसे इस प्रकार स्पष्ट करते हैं, कि हम स्कूटर को स्टार्ट करने के लिए किक मारते हैं, और किक मारने से स्कूटर स्टार्ट हो जाता है। किक मारने से स्कूटर क्यों स्टार्ट हुआ, इसके लिए क्या प्रक्रिया स्कूटर के अन्दर अपनायी गयी, हमें यह सब जानने की आवश्यकता नहीं होती, यह गुण ही संक्षिप्तिकरण (abstraction) कहलाता है।

2. आँकड़ा सम्पुटीकरण Data Encapsulation आंकड़ा सम्पुटीकरण ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग शैली में आँकड़ा संरचना एवं functionality को वस्तु (object) में सम्मिलित करता है। यह ऑब्जेक्ट के आन्तरिक रूप को उसके उपयोक्ता से छुपाता भी है और उपयोग हो सकने वाले ऑब्जेक्ट को सूचित भी करता है। आँकड़ा सम्पुटीकरण (encapsulation) को फंक्शन्स व आँकड़ों का सम्पुटीकरण करना भी कहा जा सकता है। ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग शैली को इस विशेषता के कारण हम प्रोग्राम एवं आंकड़ों, दोनों को बाह्य हस्तक्षेप से बचा सकते हैं। फंक्शन्स और आंकड़ों के सम्पुटीकरण की कल्पना इस प्रकार भी की जा सकती है, कि ये एक कैप्सूल में बन्द है। यह कैप्सूल निर्धारित करता है, कि फंक्शन्स एवं आँकड़े साथ-साथ हैं तथा इनको न तो सीधे-सीधे देखा जा सकता है और न ही उपयोग में लाया जा सकता है। इस प्रकार कैप्सूल किसी ऑब्जेक्ट के फंक्शन्स एवं आंकड़ों को सुरक्षा प्रदान करता है और अनाधिकृत रूप से इन तक पहुंचने पर एक रक्षक की भाँति कार्य करता है।

प्रोग्रामिंग क्या है? What is programming in hindi

3. उत्तराधिकार Inhentance ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग शैली की इस महत्त्वपूर्ण एवं उपयोगी विशेषता

उत्तराधिकार के द्वारा एक वर्ग की विशेषताओं को किसी अन्य वर्ग से प्राप्त करवाया जा सकता है। इस महत्त्वपूर्ण विधि से हमारे प्रोग्राम को नये आयाम उपलब्ध होते हैं। ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग हमें भाषा के नियमित आँकड़ों के प्रकार के समान व्यवहार वाले स्वयं के आँकड़ा प्रकार अर्थात् वर्ग के निर्माण की अनुमति प्रदान करती है। यहाँ तक कि पूर्वनिर्धारित आँकड़ों के प्रकार का प्रयोग न करके प्रोग्रामर द्वारा निर्धारित वर्गों के साथ अन्य वर्गों के ब्लॉक्स बनाकर प्रयोग कर सकता है। उत्तराधिकार की अवधारणा का प्रयोग करके पुराने वर्गों से नये वर्गों का निर्माण सम्भव है। नये वर्ग को व्युत्पन्न वर्ग (derived class) तथा पुराने वर्ग, जिससे इसे बनाया गया है, को मूल वर्ग (base class) कहा जाता है। यह व्युत्पन्न वर्ग (derived class) मूल वर्ग की आँकड़ा संरचनाओं एवं फंक्शन्स पर समान अधिकार रखता है।

यह नया वर्ग मूल वर्ग से लिए गए आँकड़ों एवं फंक्शन्स में नये आँकड़े एवं फंक्शन्स को जोड़ सकता है।

उत्तराधिकार के प्रमुख गुण निम्नलिखित हैं-

(i) विभिन्न वर्गों में एक सम्बन्ध स्थापित करता है।

(ii) किसी एक वर्ग के गुणों को किसी अन्य वर्ग में पुनः प्रयोग करने की सुविधा प्रदान करता है।

(ii) यदि किसी एक वर्ग ने दूसरे वर्ग से उत्तराधिकार प्राप्त कर लिया तथा दूसरे वर्ग ने किसी तीसरे वर्ग से

उत्तराधिकार प्राप्त कर लिया, तो तीसरे वर्ग के सभी गुण स्वतः ही पहले वर्ग में समाहित हो जायेंगे। ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग में उत्तराधिकार की अवधारणा इस प्रकार समझें। स्तनीय जन्तुओं में चमगादड़, कुत्ता, घोड़ा और मनुष्य आदि अनेक जन्तु आते हैं। इन सभी जन्तुओं का एक समान गुण है, कि इनकी सन्तान बच्चों के रूप मैं उत्पन्न होती है न कि अण्डों के रूप में ये सभी जन्तु अपनी सन्तान को स्त्री जन्तु के वक्ष से दुग्धपान कराते हैं।

4. बहुरूपण (Polymorphism) का अर्थ है- नाम एक रूप अथवा कार्य अनेक ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग शैली में इससे किसी कार्य को पृथक् परिस्थिति में उसी के अनुसार करवाया जा सकता है। बहुरूपण समान बाह्य प्रारूप (external structure) के आन्तरिक भिन्नता लिए हुए ऑब्जेक्ट्स को प्रयोग करने की सुविधा प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, यदि तीन भिन्न प्रकार के प्रोग्राम्स, वर्ग वृत्त तथा त्रिभुज बनाने के लिए हैं। इन आकृतियों को बनाने के लिए एक फंक्शन draw परिभाषित कर दिया गया है। अब इस फंक्शन द्वारा प्रयोगकर्ता उपरोक्त तीनों प्रोग्राम्स में से जिस प्रोग्राम को भी बुलाएगा, वही रेखाकृति बनेगी।

प्रोग्रामिंग क्या है? What is programming in hindi

5. सन्देश प्रवहन Message Passing ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिम शैली में तैयार किया गया प्रोग्राम अनेक ऑब्जेक्ट्स का एक समूह होता है। ये ऑब्जेक्ट्स आवश्यकता पड़ने पर आपस में एक-दूसरे को सन्देश भेजते भी हैं। और प्राप्त भी करते हैं।

किसी ऑब्जेक्ट के लिए सन्देश, एक निश्चित प्रक्रिया अथवा फंक्शन को कार्यान्वित करने के लिए होता है, अतः सन्देश प्राप्त करके ऑब्जेक्ट एक निश्चित प्रक्रिया को कार्यान्वित करके परिणाम प्रस्तुत करता है।

कुछ मुख्य प्रश्न उत्तर –

जावा के अन्तर्गत ऑब्जेक्ट से आप क्या समझते हैं?

जावा के अन्तर्गत ऑब्जेक्ट के माध्यम से क्लास के आचरण एवं व्यवहार के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। ऑब्जेक्ट एवं पब्लिक फंक्शन्स की सहायता से ही क्लास में घोषित किए गए वैरिएबल्स के मान में परिवर्तन किया जाता है।

ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग क्या है?

किसी ऐप्लीकेशन में परिचय कराकर उसको क्लासेज में प्रयोग करके एक नमूना बनाना ही ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग कहलाता है।

क्लास से आप क्या समझते हैं?

क्लास विभिन्न फंक्शन्स एवं वैरिएबल्स का एक समूह है। किसी भी ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड प्रोग्रामिंग में कम से कम एक क्लास को घोषित किया जाना आवश्यक होता है।

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